मुख्यमंत्री गहलाेत उन्नाव की घटना पर बयान दें लेकिन अपने गिरेबान में भी झांककर देखें। क्राइम ब्यूराे की रिपाेर्ट कहती है दुष्कर्म अाैर महिला अपराध के मामले में राजस्थान चाैथे नंबर पर खड़ा है। एक चाैथाई मामलाें में अनुसंधान चल रहा है अाैर अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। अपराधी इतने बेखाैफ कभी नहीं रहे।
दाे ग्रुपाें में बंटी यह सरकार एेसे लाेगाें काे पुलिस में कप्तान एवं सक्रिय पदाें पर लगा रही है जिनका पिछला रिकार्ड ठीक नहीं रहा या जिन्हें फील्ड का अनुभव नहीं है। मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने काे दिल्ली दरबार के चक्कर लगा रहे हैं अाैर अंतरविराेधाें में घिरी सरकार माेर्चे पर सरकार विफल है। इतना बुरा शासन कभी नहीं देखा। विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता अाैर पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठाैड़ ने ये अाराेप राज्य की गहलाेत सरकार पर जड़े हैं। सरकार के एक वर्षीय कार्यकाल पर राठाैड़ ने अार्थिक माेर्चे पर नाकामी का जिक्र करते हुए कहा, सरकार पेंशन, वेतन अाैर ऋण का ब्याज तक नहीं जुटा पा रही। इसीलिए मुख्यमंत्री ने अलापना शुरू कर दिया कि केन्द्र से सहयाेग कम मिल रहा है। स्थिति यह है कि राजस्थान में पहला माैका है जब केन्द्र अाैर राज्य मद से ग्रामीण क्षेत्राें में एक रुपए की भी स्वीकृति नहीं हुई है। कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं कर पाए। अब कह रहे हैं केन्द्रीय वित्त मंत्री से बात करेंगे। राज्य के 59 लाख किसानाें का कर्ज माफ करने की बात थी अब अलग-अलग अांकड़े दे रहे हैं।
पंचायत राज संस्थाअाें के माध्यम से सत्ता पर काबिज हाेना चाहते हैं इसके लिए बड़ा राजनीतिक भ्रष्टाचार किया है। सारे मापदंड ताेड़कर पंचायत समितियाें अाैर ग्राम पंचायताें का गठन किया है। 12 जिलाें में एक भी पंचायत नहीं बनी अाैर दाैसा जैसे छाेटे जिले में पांच बना दी। किसानाें से किए गए वादे सब्जबाग साबित हुए। अंतर्विराेधाें से घिरी सरकार जितना बुरा शासन दिया है उतना अाज तक नहीं देखा।
ये रहे माैजूद : विधायक एवं देहात जिलाध्यक्ष बिहारीलाल बिश्नाेई, बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धी कुमारी, शहर अध्यक्ष डा.सत्यप्रकाश अाचार्य, महामंत्री माेहन सुराणा, पाबूदानसिंह, अशाेक भाटी, दीपक पारीक, अशाेक प्रजापत, मनीष साेनी अादि।
अशाेक गहलाेत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का गठन हुए एक साल हाे गया। सरकार इस एक साल में जहां तेजी से काम करते हुए लाेगाें का जीवन सुगम बनाने का दावा कर रही है वहीं भाजपा इस सरकार काे हर माेर्चे पर विफल करार दे रही है। पूर्व मंत्री एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठाैड़ ने रविवार काे बीकानेर में सरकार पर जमकर हमला बाेला। वहीं मंत्री भंवरसिंह भाटी ने पलटवार किया।
राठाैड़ की चार्जशीट : अांकड़ाें से बताया अार्थिक कुचक्र
1,02,040 कराेड़ रुपए की जरूरत वेतन, पेंशन अाैर ब्याज की अदायगी के लिए। अपने रेवन्यू से इतना भी वसूली नहीं कर पा रहे।
1840.50 कराेड़ रुपए केन्द्रीय वित्त अायाेग की दूसरी किस्त पांच नवंबर काे मिल गई लेकिन इस पैसे काे राेका गया।
6700 कराेड़ रुपए मनरेगा के मेटीरियल काेंपाेनेंट में अाए थाे। उसकाे भी राेककर टुकड़ाें-टुकड़ाें में अब तक 936 कराेड़ रुपए पंचायताें काे भेजे।
किसान-कर्जमाफी
59 लाख किसानाें के 99995 कराेड़ रुपए का ऋण माफ करने का वादा किया। कभी 23 अाैर कभी 27 लाख किसानाें के ऋणमाफी के अांकड़े बता रहे हैं। कर्जमाफी की रकम का अांकड़ा भी कभी 6600 अाैर कभी 6700 कराेड़ रुपए बताया जा रहा है।
833 कराेड़ रुपए का अनुदान 10 हाॅर्स पाॅवर तक बिजली माफ करने के लिए देने का वादा किया था। वह भी राेक िदया।
10.36 लाख पट्टे पिछली सरकार ने जारी किए। यह सरकार इस मुद्दे पर टांय-टांय फिस्स साबित हुई।
6.25 लाख प्रधानमंत्री अावास मंजूर किए थे जिनकी दूसरी-तीसरी किस्ताें से लाेग महरूम हैं।
भंवरसिंह भाटी का पलटवार..लाेग सरकार के काम से खुश प्रमाण है निकाय चुनाव
बीकानेर | काेलायत विधायक एवं उच्च शिक्षामंत्री भंवरसिंह भाटी ने सरकार के एक साल काे उपलब्धियाें के लिहाज से एेतिहासिक बताया। कहा, इतने कम समय में जितना काम इस सरकार ने किया है उतना काेई दूसरी सरकार नहीं कर सकती। दावा किया-सहकारी बैंकाें से कर्ज लेने वाले हर किसान का कर्ज माफ किया। पिछली सरकार ने महज 50 हजार रुपए तक के कर्ज माफ करने की घाेषणा की। उस सरकार की घाेषणाअाें के बकाया 18 हजार कराेड़ रुपए का भुगतान भी गहलाेत सरकार ने किया। कानून-व्यवस्था की जहां तक बात की जाए, मुख्यमंत्री इस मामले में सबसे सख्त है अाैर किसी भी स्तर पर काेताही बर्दास्त नहीं करते। अपराधियाें के हाैंसले पस्त हुए हैं। पुलिस-प्रशासन काे सख्ती से निबटने की पूरी छूट दी गई है।
हैरानी की बात है कि सरकार के कार्यकाल के अाखिरी साल में राजनीतिक लाभ लेने के लिए बगैर पैसे का प्रावधान किए थाेथी घाेषणाएं कर जाे चले गए वे हमसे हिसाब मांग रहे हैं। उन्हाेंने काॅलेज खाेलने की घाेषणा की, एक भी भवन नहीं बनाया। स्टाफ नहीं लगाया। इस सरकार ने एक साल में काॅलेज खाेल दिए। मेडिकल काॅलेज भी गहलाेत सरकार खाेल रही है। डाक्टर, नर्स, कंपाउडर, शिक्षक जुटाने के लिए जी-ताेड़ काेशिशें हाे रही हैं। सालाें से पटवारियाें के पद खाली पड़े थे जिसका खमियाजा किसानाें काे भुगतना पड़ रहा था। बड़े पैमाने पर उनकी नियुक्ति हाे रही है। इस सरकार के काम से लाेग खुश है जिसका प्रमाण है उप चुनाव सहित स्थानीय निकायाें के नतीजे।
दाे ग्रुपाें में बंटी सरकार पूरी तरह विफल, इतना बुरा शासन नहीं देखा